जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
बृहस्पतिदेव की कथा
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
शंकर सम्मुख पाठ shiv chalisa lyricsl सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप shiv chalisa in hindi नसावे ।
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
मैना shiv chalisa lyricsl मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
लिङ्गाष्टकम्
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